Thursday, May 15, 2014

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुले हैं इसके ये गुलसितां हमारा

पर्वत हैं इसके ऊंचे, प्यारी हैं इसकी नदियाँ
आगोश में इसी के गुजरी हजारों सदियाँ
हँसता है बिजलियों पर ये आशियाँ हमारा

वीरान कर दिया था आंधी ने इस चमन को
देकर लहू बचाया गांधी ने इस चमन को

रक्षा करेगा इसकी हर नौजवां हमारा

- इक़बाल