Tuesday, May 27, 2014

'स्मृति : एक प्रेम की' से .......

कभी-कभी किसी की चुप्पी तोड़ने में बड़ा संकोच होता है. ऐसा लगता है जैसे किसी पवित्र स्थान पर अपवित्र कार्य करने जा रहे हो.

जो जिसका है वह उसमें मुक्ति नहीं पा सकता. हम किसी भी चीज को भोग कर उसका त्याग नहीं कर सकते हैं.

अडयार के समुद्र तट की कई यादें मेरे पास हैं. पर मैंने उन यादों का कोई एल्बम बनाकर नहीं रखा है. जो सिलसिलेवार किसी को दिखा सकूँ. मेरी यादों के कई एल्बमों में ये चित्र बिखरे पड़े हैं. कभी कोई अल्बम खोलने से कोई चित्र दिखाई दे जाता है.

दुनिया में डॉ इन्सान सदा एक दूसरे के लिए अजनबी ही बने रहे हैं, वे सदा ही एक दूसरे के लिए अजनबी ही बने रहेंगे.

तुमने उस रात को आकाश के तारों तले धरती की उस सुनसान राह पर उस औरत को नहीं अपनाया था, जिससे तुम कह रहे हो, तुमने प्रेम किया था.