तेरी दुनिया से होक मजबूर, बहुत दूर चला
मैं बहुत दूर, बहुत दूर , बहुत दूर चला
इस कदर दूर कि फिर लौट के भी आ न सकूँ
ऐसी मंजिल पे जहाँ खुद को भी पा न सकूँ
आँख भर आई अगर अश्कों को मैं पी लूँगा
आह निकली भी अगर होठों को मैं सी लूँगा
खुश रहे तू है जहाँ ले जा दुआएं मेरी
तेरी राहों से जुदा हो गयीं राहें मेरी
कुछ नहीं साथ मेरे बस हैं खताएं मेरी
- नमालूम
मैं बहुत दूर, बहुत दूर , बहुत दूर चला
इस कदर दूर कि फिर लौट के भी आ न सकूँ
ऐसी मंजिल पे जहाँ खुद को भी पा न सकूँ
आँख भर आई अगर अश्कों को मैं पी लूँगा
आह निकली भी अगर होठों को मैं सी लूँगा
खुश रहे तू है जहाँ ले जा दुआएं मेरी
तेरी राहों से जुदा हो गयीं राहें मेरी
कुछ नहीं साथ मेरे बस हैं खताएं मेरी
- नमालूम