1. आदमी सिर्फ आदमी होता है
आदमी न ऊंचा होता है, न बड़ा होता है
आदमी सिर्फ आदमी होता है
ऊंचे पहाड़ पर पेड़ नहीं लगते, पौधेनहीं उगते
न ही घास जमती है
जमती है तो सिर्फ वर्फ
जो कफ़न की तरह सफ़ेद होती है
और मौत की तरह ठंडी होती है
2. तन पर पहरा, भटक रहा मन
साथी है केवल सूनापन
मैं रोता आसपास जब
कोई नहीं होता है
दूर कहीं कोई रोता है
3. लानत उनकी भरी जवानी पर
जो सुख की नींद सो रहे
लानत है हम कोटि -कोटि
किन्तु किसी के चरण धो रहे
- अटल बिहारी वाजपेयी
27.04.99
आदमी न ऊंचा होता है, न बड़ा होता है
आदमी सिर्फ आदमी होता है
ऊंचे पहाड़ पर पेड़ नहीं लगते, पौधेनहीं उगते
न ही घास जमती है
जमती है तो सिर्फ वर्फ
जो कफ़न की तरह सफ़ेद होती है
और मौत की तरह ठंडी होती है
2. तन पर पहरा, भटक रहा मन
साथी है केवल सूनापन
मैं रोता आसपास जब
कोई नहीं होता है
दूर कहीं कोई रोता है
3. लानत उनकी भरी जवानी पर
जो सुख की नींद सो रहे
लानत है हम कोटि -कोटि
किन्तु किसी के चरण धो रहे
- अटल बिहारी वाजपेयी
27.04.99