हमने देखी है उन आँखों कि महकती खुशबू
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्जाम न दो
सिर्फ अहसास है ये रूह से महसूस करो
प्यार को प्यारा ही रहने डॉ कोई नाम न दो
प्यार कोई बोल नहीं, प्यार आवाज़ नहीं
इक ख़ामोशी है सुनती है कहा करती है
न ये बुझती है, न ये रूकती है , न ठहरी है कहीं
नूर कि बूँद है सदियों से बहा करती है
मुस्कराहट सी खिली रहती रहती है आँखों में कहीं
और पलकों पे उजाले से झुके रहते हैं
होंठ कुछ कहते नहीं आँखों से होठों पे मगर
इतने खामोश से अफसाने रुके रहते हैं
- गुलज़ार
हाथ से छू के इसे रिश्तों का इल्जाम न दो
सिर्फ अहसास है ये रूह से महसूस करो
प्यार को प्यारा ही रहने डॉ कोई नाम न दो
प्यार कोई बोल नहीं, प्यार आवाज़ नहीं
इक ख़ामोशी है सुनती है कहा करती है
न ये बुझती है, न ये रूकती है , न ठहरी है कहीं
नूर कि बूँद है सदियों से बहा करती है
मुस्कराहट सी खिली रहती रहती है आँखों में कहीं
और पलकों पे उजाले से झुके रहते हैं
होंठ कुछ कहते नहीं आँखों से होठों पे मगर
इतने खामोश से अफसाने रुके रहते हैं
- गुलज़ार