Saturday, May 31, 2014

पढ़ लेती है नज़र

पढ़ लेती है नज़र , हो जाती है खबर
जो दिल में छुपा होता है , सूरत पे लिखा होता है

मेरी आँखों में कुछ भी नहीं तेरी तस्वीर है
तेरी जुल्फों में उलझी हुयी मेरी तकदीर है

अब देख मेरी तकदीर का क्या फैसला होता है
बोल पड़ती हैं आँखें, कभी बनके दिल की जुबां

इन किताबों में लिखी हैं प्यार की कहानियाँ
जब पैर में काँटा चुभता है दर्द बड़ा होता है

तुम सा इस जहाँ में कोई खूबसूरत नहीं
कुछ भी कहने सुनने की अब जरूरत नहीं

कुछ कहने सुनने से क्या होता है
जो दिल में छुपा होता है , सूरत पे लिखा होता है

- नमालूम