तेरे जीवन का सत्रहवां सावन
कितना सुन्दर कितना पावन
तेरे रूप में आया निखार
जब आई इस सावन की फुहार
तेरी सूरत कितनी भोली
लगती जैसे नशे की गोली
जब बजते तेरे पायल
कर देते मेरे दिल को घायल
किस से पाई है तुमने ये दौलत
सब है इस सावन की बदौलत
यह सावन हमेशा बना रहे
तेरा रूप हमेशा खिला रहे
- नमालूम
10.05.99
कितना सुन्दर कितना पावन
तेरे रूप में आया निखार
जब आई इस सावन की फुहार
तेरी सूरत कितनी भोली
लगती जैसे नशे की गोली
जब बजते तेरे पायल
कर देते मेरे दिल को घायल
किस से पाई है तुमने ये दौलत
सब है इस सावन की बदौलत
यह सावन हमेशा बना रहे
तेरा रूप हमेशा खिला रहे
- नमालूम
10.05.99