Thursday, May 15, 2014

ऐ मेरे वतन के लोगो ......

ऐ मेरे वतन के लोगो जरा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी
जब घायल हुआ हिमालय खतरे में पड़ी आजादी
जब तक थी सांस  लड़ वो फिर अपनी लाश बिछा दी

हो गए वतन पर निछावर वो वीर थे कितने गुमानी

जब देश में थी दीवाली वो खेल रहे थे  होली
जब हम बैठे थे घरों में वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने, थी धन्य वो उनकी जवानी

शेरोन कि तरह झपटे थे भारत के बहादुर बेटे
इस मुल्क की लाज बचा के मर गए वर्फ पे लेटे
संगीन पर माथा धरकर, सो गए वीर बलिदानी

कोई सिख कोई जाट मराठा, कोई गोरखा कोई मद्रासी
सरहद पर मरने वाला हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर वह खून था हिन्दोस्तानी