जीवन से भरी तेरी आँखें मजबूर करें जीने के लिए
सागर भी तरसते रहते हैं तेरे रूप का रस पीने के लिए
तस्वीर बनाये क्या कोई, क्या कोई लिखे तुझ पे कविता
रंगों छंदों में समाएगी , किस तरह से इतनी सुन्दरता, सुन्दरता
इक धड़कन है तू दिल के लिए
इक जाम है तू जीने के लिए
मधुवन की सुगंध है साँसों में
बाहों में कमल की कोमलता
किरणों का तेज है चेहरे पे
हिरणों कि है तुझमें चंचलता , चंचलता
आँचल का तेरे है तार बहुत
कोई चाक जिगर सीने के लिए
जीवन से भरी तेरी आँखें ........
- इन्दीवर
सागर भी तरसते रहते हैं तेरे रूप का रस पीने के लिए
तस्वीर बनाये क्या कोई, क्या कोई लिखे तुझ पे कविता
रंगों छंदों में समाएगी , किस तरह से इतनी सुन्दरता, सुन्दरता
इक धड़कन है तू दिल के लिए
इक जाम है तू जीने के लिए
मधुवन की सुगंध है साँसों में
बाहों में कमल की कोमलता
किरणों का तेज है चेहरे पे
हिरणों कि है तुझमें चंचलता , चंचलता
आँचल का तेरे है तार बहुत
कोई चाक जिगर सीने के लिए
जीवन से भरी तेरी आँखें ........
- इन्दीवर