कितनी उम्मीदें ले के खड़ी है
देख ये दुनिया बहुत बड़ी है
आसमान है खफा -खफा सा
धरती भी उखड़ी - उखड़ी है
यूँ तो बहुत कुछ हो सकता था
यूँ तोअभी एक उम्र पड़ी है
दुःख की घटा भी छट जाएगी
सोच के चल बारिश कि झड़ी है
ध्यान में लेता चल पेड़ों को
राह कठिन और धूप कड़ी है
-नमालूम
देख ये दुनिया बहुत बड़ी है
आसमान है खफा -खफा सा
धरती भी उखड़ी - उखड़ी है
यूँ तो बहुत कुछ हो सकता था
यूँ तोअभी एक उम्र पड़ी है
दुःख की घटा भी छट जाएगी
सोच के चल बारिश कि झड़ी है
ध्यान में लेता चल पेड़ों को
राह कठिन और धूप कड़ी है
-नमालूम