तुम्हारे ह्रदय में
जो प्रेम का
संगम है
उसमें , सरस्वती कि तरह
अदृश्य हूँ मैं
लोगों को हो
या, न हो
पर
तुम्हें, तो
अहसास है न !!
- नमालूम
जो प्रेम का
संगम है
उसमें , सरस्वती कि तरह
अदृश्य हूँ मैं
लोगों को हो
या, न हो
पर
तुम्हें, तो
अहसास है न !!
- नमालूम