' यूँ तो रिश्तों के कुछ न कुछ नाम होते हैं चाहे जितना गहरा रिश्ता हो पर टूटने का भय बना रहता है हमेशा .
कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं जिनका कोई नाम नहीं होता और जब नाम ही नहीं होता तो टूटने का भय ही क्या '
कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं जिनका कोई नाम नहीं होता और जब नाम ही नहीं होता तो टूटने का भय ही क्या '