Tuesday, June 3, 2014

मेरी पसंद

सीधा बहाव है कभी उल्टा बहाव है
ऐसी उथल पुथल से मुसीबत में नाव है

गंगा लहू-लहू है तो जाहिर सी बात है
दिल में कहीं जाकर हिमालय के घाव है

कोई भी रूप रंग हो , कोई भी हो महक
मुझको हर एक फूल से बेहद लगाव है

सोने का भाव क्या करें, हम पूछ कर 'नदीम'
मिट्टी को देखते हैं कि सोने के भाव है

- ओम प्रकाश 'नदीम'

12.05.99