Friday, June 6, 2014

संग संग चलूँगा मैं

संग संग चलूँगा मैं  बनके तेरा सजन
आ तेरी मांग भर दूँ, ओ मेरी सजन

कैसे कहूँ जाने वफ़ा कितना मुझे प्यार दिया
तूने मेरी किस्मत को चाहत से संवार दिया
मेरी दुनिया मेरी मंजिल नहीं लगता तेरे बिन दिल
खुशबू से तेरी महके मेरा बदन

अब है यही अरमां यूँ ही सदा तू हंसती रहे
पूरी करूँ चाहत हर चाहत तेरी तू मुझसे अब जो भी कहे
मेरा सपना मेरी साँसें तुझे देखें मेरी आँखें
तेरे लिए है पागल ये मेरा मन