ये कसक दिल की दिल में चुभी रह गयी
ज़िन्दगी में तुम्हारी कमी रह गयी
एक मैं एक तू एक दीवार थी
ज़िन्दगी आधी-आधी बटी रह गयी
मैंने रोका नहीं वो चला भी गया
बेबसी दूर तक देखती रह गयी
रात की भीगी-भीगी छतों की तरह
मेरी पलकों पे थोड़ी नमी रह गयी
- नमालूम
ज़िन्दगी में तुम्हारी कमी रह गयी
एक मैं एक तू एक दीवार थी
ज़िन्दगी आधी-आधी बटी रह गयी
मैंने रोका नहीं वो चला भी गया
बेबसी दूर तक देखती रह गयी
रात की भीगी-भीगी छतों की तरह
मेरी पलकों पे थोड़ी नमी रह गयी
- नमालूम