हाय पल-पल मेरी जान जाती रही
कितना दिल को मेरे तड़पाती रही
सारी रात तेरी याद मुझे आती रही
कल बरसात थी जाने क्या बात थी
तन्हाई मेरी बस मेरे साथ थी
हाय आँखों से आंसू छलकाती रही
ये जो दीवारों पर हैं धुंधले निशाँ
मेरी बेचैनियाँ हैं मेरी जाने जाँ
हाय लिख-लिख के तेरा नाम मिटाती रही
ये जो मौसम दीवाना सताने लगे
तेरी याद दीवाना दिलाने लगा
हाय ठंडी हवा दिल को लुभाती रहे
कितना दिल को मेरे तड़पाती रही
सारी रात तेरी याद मुझे आती रही
कल बरसात थी जाने क्या बात थी
तन्हाई मेरी बस मेरे साथ थी
हाय आँखों से आंसू छलकाती रही
ये जो दीवारों पर हैं धुंधले निशाँ
मेरी बेचैनियाँ हैं मेरी जाने जाँ
हाय लिख-लिख के तेरा नाम मिटाती रही
ये जो मौसम दीवाना सताने लगे
तेरी याद दीवाना दिलाने लगा
हाय ठंडी हवा दिल को लुभाती रहे