Friday, June 6, 2014

कहीं दीप जले कहीं दिल

कहीं दीप जले कहीं दिल
हो देख ले आकर परवाने
तेरी कौन सी है मंजिल

मेरा गीत तेरे दिल की पुकार है
जहाँ तू है वहीँ मेरा प्यार है
मेरा दिल है तेरी महफ़िल

न मैं सपना हूँ बी कोई राज़ हूँ
इक दर्द भरी आवाज़ हूँ
पिया देर न कर आ मिल

दुश्मन हैं हजारों यहाँ जान के
जरा मिलना नज़र पहचान के
कई रूप में है क़ातिल

- 21.07.99