सुखन फ़हम
Wednesday, June 11, 2014
जो कुछ विशेषकर उसके लिए होता है
मानव जिससे प्रेम करता है , उससे सब कुछ पाने की आशा करता है. वह जो सबके लिए नहीं होता है, जो कुछ विशेषकर उसके लिए होता है .
- नमालूम
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