Tuesday, June 3, 2014

आते जाते हँसते गाते

आते जाते हँसते गाते
सोचा था मैंने मन में कई बार
वो पहली नज़र
हल्का सा असर
करता है क्यूँ इस दिल को बेक़रार
रुक के चलना चल के रुकना
न जाने तुम्हें है किसका इंतज़ार
तेरा वो यकीं कहीं मैं तो नहीं
लगता है मुझको यही बार-बार
यही सच है शायद मैंने प्यार किया
हाँ-हाँ तुमको मैंने प्यार किया
आते-जाते हँसते गाते
सोचा था मैंने मन में कई बार
होठों की कली
कुछ और खुली
दिल पे हुआ है उसका इख़्तियार
तुम कौन हो बतला दो
क्यों करने लगी मैं तुमपे ऐतवार
खामोश रहूँ या मैं कह दूँ
या करलूं मैं चुपके से स्वीकार
यही सच है शायद मैंने प्यार किया
हाँ-हाँ तुमसे मैंने प्यार किया

- 'अमरजीत'
12.05.99