Monday, June 9, 2014

आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ

बस यही अपराध मैं हर बार करता हूँ
आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ

मैं बसाना चाहता हूँ स्वर्ग धरती पर
आदमी जिसमें रहे बस आदमी बनकर
उस नगर की हर गली तैयार करता हूँ
आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ

इक खिलौना बना गया दुनिया के मेले में
कोई खेले भीड़ में कोई अकेले में
मुस्कराकर भेंट हर स्वीकार करता हूँ
आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ

हूँ बहुत नादान करता हूँ ये नादानी
बेचकर खुशियाँ खरीदूं आँख का पानी
हाथ खाली हैं मगर व्यापार करता हूँ
आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ


- नमालूम