मेरे हमसफ़र मेरे साथ
तुम सभी मौसमों में रहा करो
कभी नदी बनकर बहा करो
कभी बूँद बनके गिरा करो
मेरे पास आओ जो तुम कभी
कहीं धूप हो कहीं छाँव हो
अभी आरजू बहुत है
कभी गेसुओं में समां करो
तुम्हें फायदे हैं बहुत मगर
उनको रखना प्यार से सम्हाल के
कोई भी यदि आ जाए
मान उसका बढ़ाना तुम बहुत
- नमालूम
तुम सभी मौसमों में रहा करो
कभी नदी बनकर बहा करो
कभी बूँद बनके गिरा करो
मेरे पास आओ जो तुम कभी
कहीं धूप हो कहीं छाँव हो
अभी आरजू बहुत है
कभी गेसुओं में समां करो
तुम्हें फायदे हैं बहुत मगर
उनको रखना प्यार से सम्हाल के
कोई भी यदि आ जाए
मान उसका बढ़ाना तुम बहुत
- नमालूम