Thursday, June 5, 2014

दुश्मन न करे

दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है
उम्र भर का ग़म हमें इनाम दिया है

तूफां में हमको छोड़ के साहिल पे आ गए
नखुदा का हमने जिन्हें नाम दिया है
उम्र भर का ग़म हमें इनाम दिया है 

पहले तो होश छीन लिए जुल्म सितम से
दीवानगी का फिर हमें इल्जाम दिया है
उम्र भर का ग़म हमें इनाम दिया है

अपने ही गिराते हैं नशेमन पे बिजलियाँ
गैरों ने आ के फिर भी उसे थाम लिया है
उम्र भर का ग़म हमें इनाम दिया है

दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है
उम्र भर का ग़म हमें इनाम दिया है

- नमालूम